भोपाल, अपनी खबर / अमिताभ पाण्डेय
मेपकास्ट में अधूरे मापदंडो के सलाहाकारों एवं फेलो की नियुक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 156(3) दंड प्रक्रिया अंतर्गत न्यायलय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भोपाल के समक्ष परिवाद दायर किया गया था।

जिसके अंतर्गत परिवादी तनवीर वारसी ने मेपकास्ट के DG डॉ नवीन चंद्रा और तसनीम हबीब के विरुद्ध धारा 420,467,468,471,120-बी के अंतर्गत प्रकरण EOW को दर्ज करने दिया था  जिसमे न्यायालय ने EOW से उक्त भर्तियों  का प्रतिवेदन  मांगा था लेकिन पिछले चार से पांच माह में EOW के विवेचक जांच रिपोर्ट ही जमा नही कर पाए जिससे जिला कोर्ट जज ने 11/09/2018 तक उक्त जांच का प्रतिवेदन बनाके कोर्ट में जमा करने के सख्त निर्देश दिए है अन्यथा एक तरफा अग्रिम कार्यवाही की जावेगी

शिकायत क्रंमांक 43/18 अंतर्गत पंजीबद्ध
न्ययालय से परिवाद प्राप्त होने के बाद EOW ने साक्ष्यो के आधार पर पहली ही बार मे शिकायत पंजीबद्ध कर सत्यापन के ले ली थी और ब्यूरो मैनुएल के प्रावधानों के अनुसार जांच की जा रही थी लेकिन आज दिनांक तक जिम्मेदार जांच नही कर पा ये और मेपकास्ट के DG और तसनीम हबीब को बचा रहे है।

अक्षम DG से परिषद की गतिविधियां ठप्प
मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रोधोगिकी परिषद की स्थापना प्रदेश में विज्ञान द्वारा  आमजन और दूर दराज के ग्रामीणों को लाभ करने के लिए की गई थी लेकिन उम्रदराज़ महानिदेशक डॉ नवीन चंद्रा की नियुक्ति के बाद पूरी गतिविधियां ठप्प पड़ गयी है ।

DG पर विज्ञान भारतीय के सदस्यो को भर्ती करने का दबाब
उक्त फर्ज़ीवाड़े की नियुक्ति करने के पीछे विज्ञान भारर्ती के सदस्यों को रखने के लिए DG पर दबाव बना हुआ है क्योंकि ये उक्त संस्था के पूर्व अध्यख रहे है और इसी संश्ठ के कारण बिना विज्ञापन के DG बने है जोड़ तोड़ से.

वेबसाइट पर निकले विज्ञापन पर कोई दिशा निर्देश नही थी
वेबसाइट पे जो विज्ञापन डाला गया था उसमें कोई भी दिशा निर्देश जान बुझके नही डाले गए थे फेलोशिप और सलहकारो कि इन पोस्ट के लिए क्या शैक्षणिक योग्यता चाहिए क्या उम्र चाहिए कोई उल्लेख नही है जिससे साफ स्पस्ट है कि ये पद अपने लोगो को सेट करने के लिए निकाले गए थे
 
व्यापम की तरह होने वाला था फर्जीवाड़ा
उक्त पदों के बिना कोई दिशा निर्देश से बेरोजगारों के साथ छलावा किया गया था और रसूख वाले अयोग्य लोगो को चयनित करके शासन के पेसो की बर्बादी की जान थी जोकि व्यापम कि तरह प्रदेश की छवि धूमिल करेगा

पीएमओ से लेकर लोकायुक्त तक DG की शिकायत
 सलाहाकारों और फेलो की पोस्ट के आवेदन की विज्ञप्ति जारी की गई थी जो कि पुण्यता अधूरे मापदंड में होकर प्रायोजित लग रही थी जिसकी शिकायत RTI एक्टिविस्ट तनवीर वारसी ने PMO लोकायुक्त एवम सचिव ,DST को की है।

 फेलो और सलाहकार की कोई जरूरत नही थी
सलाहकार की कोई जरूरत नही थी क्योंकि जब यहां  वैज्ञानिक 100000 लाख तनख्वाह ले रहे है  तो किस बात का सलाहकार ये सब शासन के पेसो की फिजूलखर्ची थी जब mpcst में एमएससी पीएचडी वाले वेज्ञानिक और प्रधान वेज्ञानिक है तो वही व्यक्ति सलाहकार बन सकता है जो इन वैज्ञानिकों से ज्यादा अनुभवी और योग्यता वाला हो ।

इनका कहना
इस मामले में court ने प्रथम दृष्ट्या जालसाजी  धोखाधड़ी आर्थिक अपराध का मामला सिध्द होने पर ई॰ओ॰डबल्यू॰ को अनुसंधान करने के आदेश देकर अंतिम अवसरदेकर  investigation  रिपोर्ट सबमिट करने को कहा हे ओर जाँच एजेंसी द्वारा report पेश नहीं करने पर सख़्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी हे सीआरपीसी की धारा 2 H अनुसार विधिसम्मत अन्वेषण के लिए FIR दर्ज किया जाना ज़रूरी हे  शासकीय अधिकारियों ने शासकीय धन लूटाने का आपराधिक षड्यंत्र किया हे
यावर खान अधिवक्ता
याचिकाकार के वक़ील

(अनाम आलेख सेवा)

Source : अपनी खबर